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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.
मनचाहा फल click here पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
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कुंजिका पाठ मात्रेण, दुर्गा पाठ फलं लभेत्।